Monday, July 7, 2014

मैं जीवन मुक्ति पाउंगी !

मैं तो भई पिया बांवरी
जग की बात मैं क्या जानू
जिन अंखियो में मेरा संसार बसा
“सर्वस्व” उन्हें अपना मानु
जब जहा चलेंगे नाथ मेरे
मैं संग उन्ही के जाउंगी
उन्ही की भक्ति में प्रतिपल
शीश, शिव शरण नवाऊँगी
उनकी भक्ति में सदा जियूंगी
शिव भक्ति के पथ पर ही चलकर
मैं जीवन मुक्ति पाउंगी !

अर्चना शर्मा